मुख्यमंत्री कमलनाथ के जिले में एसडीएम की कार्यप्रणाली से आक्रोशित किसानों ने हल्ला बोल कर धरना प्रदर्शन किया


मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से सौसर विधानसभाा क्षेत्र केे मोहगांव हवेली केे किसानों नेे सौसर एसडीएम कीी कार्यप्रणालीी से नाराज होकर - 6 दिसंबर 2019  कि सुबह 9:00 बजे विरोध में  धरना प्रारंभ कर दिया  किसानों का आरोप है कि 1 अक्टूबर 2019 को किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम सौसर से ज्ञापन देकर भू अर्जन से प्रभावित किसानों की समस्याओं का समाधान कर तथा भू अर्जन की नई गाइडलाइन के तहत किसानों को उचित मुआवजा देने और किसानों की भू अर्जित की गई भूमि का वास्तविक मूल्यांकन कर मुआवजा दिए जाने की मांग का ज्ञापन सौंपा था जिस पर एसडीएम  द्वारा उन्हें 15 दिन की समय सीमा के पश्चात समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया गया था परंतु एसडीएम द्वारा दी गई समय अवधि बीत जाने के पश्चात भी जब किसानों की समस्याओं के उचित निराकरण के संबंध में एसडीएम सौसर द्वारा कोई भी पहल नहीं की गई तब दिनांक 5 दिसंबर 2019 को मोहगांव क्षेत्र के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौसर एसडीएम के समक्ष अपनी बातें पुनः रखी जिस पर एसडीएम सौसर किसानों पर आक्रोशित हो गए और अपनी समस्याओं का निराकरण न देखते हुए किसानों ने 6 दिसंबर 2019 की सुबह 9:00 बजे मोहगांव बांध के सामने धरना प्रारंभ कर दिया यहां उल्लेखनीय है कि किसान अपनी भूमि का उचित मुआवजा प्रशासन को देने के लिए गुहार लगा चुके हैं परंतु प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यप्रणाली से नाराज होकर किसानों ने अब आंदोलन का एकमात्र विकल्प चुनकर गांधीवादी तरीके से धरना प्रारंभ कर दिया है किसानों के इस तरह से किए जाा रहे आंदोलन से प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और तत्काल धरना स्थल पर तहसीलदार सौसर ने पहुंचकर किसानोंं से उनकी समस्याओं केेे निदान के  संबंध में आवश्यक चर्चा की और उन्हें समस्याया के निराकरण का उचित आश्वासन दिया साथ ही लगभग 15 किसानों के भू अर्जन के प्रकरणों के संबंध  स्थल का  निरीक्षण भी किया ज्ञात हो सौसर विधानसभा क्षेत्र की मोहगांव हवेली के किसान इसलिए भी आक्रोशित हैं कि उनकी उपजाऊ जमीन को प्रशासन ने बांध बनाने के नाम पर अधिग्रहण कर लिया है और विस्थापित परिवारों को शासन के निर्देशानुसार उचित व्यवस्थापन की व्यवस्था नहींं की 185 किसान परिवार इस बांध के निर्माण से प्रभावित हुए हैं जिसमें सेे मात्र 110 किसानों को सर्वे कर आंशिक लाभ दिया गया है जबकिि बाकि किसान अभी भी प्रशासनिक कार्यवाही से वंचित हैं और उन्हें उनकी भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा प्रदाय नहींं किया गया है किसानों का यह  आरोप हैै कि  प्रशासनिक मशीनरी अपने पद का दुरुपयोग कर किसानों कोो प्रताड़ित कर रहीी है जबकि समय रहते हुए किसानोंं की भूमि का वास्तविक मूल्यांकन समय रहते कर दिया जाना था सौसर विधानसभा क्षेत्र के विधायक  विजय चोरे भी  इस मामले में खामोश है ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का गृह जिला है