वायु प्रदूषण से लड़ने में केंद्र और राज्य सरकारें विफल. - स्वराज इंडिया

 


 


• केजरीवाल का प्रचार झूठा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण 25% कम हुआ, आंकड़ें बताते हैं कि इनकी सरकार में प्रदूषण बढा है 


• प्रदूषण से लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2017 में दिए गए निर्देशों का भी पालन नहीं कर पाई सरकारें 


• ठोस उपाय करने की बजाए सिर्फ आकस्मिक और दिखावटी कदमों पर दिल्ली सरकार का ध्यान



स्वराज इंडिया ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से सवाल किया है कि प्रदूषण से लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2017 में जारी निर्देशों का पालन अब तक क्यूँ नहीं किया गया? अदालत के निर्देशों का पालन करने की ज़िम्मेदारी केंद्र और दिल्ली सरकार समेत हरियाणा, पंजाब और यूपी सरकारों पर भी था। लेकिन उत्तर भारत के कई हिस्से और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आज ज़हरीली गैस की चपेट में हैं, और चुनी हुई सरकारों ने आम जीवन से खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है।


पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ने में जहाँ केंद्र सरकार की इच्छाशक्ति ही नहीं दिखती, वहीं दिल्ली सरकार ने भी ठोस और दूरगामी उपाय करने की बजाए हमेशा आकस्मिक और दिखावटी कदमों पर ध्यान दिया है। इतना ही नहीं, दिल्ली में प्रशाशनिक अधिकारों के लिए दिन रात आपस में लड़ने वाली दोनों सरकारें आज प्रदूषण के मामले में एक दूसरे को ज़िम्मेदार बताने में व्यस्त है।


स्वराज इंडिया ने मांग किया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन हो और सभी सरकारें वायु प्रदूषण से निपटने में अपनी कमियों को सुधारे।


• दिल्ली सरकार जल्द से जल्द 5000 बसें बढ़ाए। साथ ही बस और मेट्रो के किराए मोटरबाइक चलाने के खर्चे से कम हो ताकि ज़्यादा लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।


• दिल्ली सरकार सुनिश्चित करे कि बस और मेट्रो रेल के बीच एक सामंजस्य हो और यात्रियों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी मिले। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मिलकर फेज 4 मेट्रो को जल्द से जल्द चालू करवाए और मेट्रो ट्रेनों में डिब्बों की संख्या में बढ़ोतरी करे।


• दिल्ली सरकार ढांचागत विकास करे जिससे कि मोटर रहित परिवहन तंत्र, साइकिल ट्रैक और पैदल चालकों के लिए सुगम और सुचारू व्यवस्था हो।


• सार्वजनिक परिवहन की रफ्तार में सुधार किया जाए ताकि लोग निजी वाहनों को छोड़ सार्वजनिक सफर करने को प्रेरित हों। हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से केंद्र और दिल्ली सरकार बीआरटीएस, एलरटीएस और आरआरटीएस का निर्माण और परिचालन करे।


• पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और केंद्र सरकार उन उपकरणों की खरीद में 100% सब्सिडी दे जिससे कि किसान पराली जलाने की वैकल्पिक व्यवस्था कर सके।


• राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सभी पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले पवार प्लांट को बंद करके केंद्र सरकार विद्युत उत्पादन को प्रदूषण रहित ईंधन की तरफ ले जाये।



योगेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल सरकार जनता के पैसे खर्च करके झूठा प्रचार करने में लगी है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण 25% कम हो गया है। जबकि पर्यावरण विशेषज्ञों का तथ्यों के साथ स्पष्ट कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण घटा नहीं बढ़ा है। 


प्रदूषण आज देश के सबसे गंभीर मुद्दों में से है और स्वराज इंडिया ने इससे निपटने के लिए लगातार सकारात्मक सुझाव दिए हैं। लेकिन अफसोस कि केंद्र से लेकर दिल्ली सरकार तक किसीने भी ठोस कदम उठाने की बजाए हमेशा इस मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप की घटिया राजनीति की है।