सरकार से साबधान रहें ! सच जानें !

अपराध नियंत्रण और खासकर हाथरस की घटना के प्रश्न पर हर तरफ से धिक्कार झेल रही सरकार अपने पिट्ठू पत्रकारों की झूठ-प्रचार मंडली के साथ देश और प्रदेश का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की नीति पर उतर आई है । प्रचारित किया जा रहा है कि कुछ प्रतिबंधित संगठन साजिश रच रहे हैं , प्रचार किया जा रहा है कि 100 मुसलमान देशों से फंडिंग हुई है , प्रचार किया जा रहा है कि जांच एजेंसियां जांच में जुट गई हैं , अफसरों के और नेताओं के स्वर भी इसी अंदाज के हो गए हैं और प्रचारक पत्रकारों की कलम से झूठ के फब्बारे निकल पड़े हैं , साजिशी रिपोर्टिंग शुरू हो गयी हैं , न्याय के लिए मुखर लोगों का मुहँ बन्द कराने के ऐसा धमकी भरा माहौल बनाया जा रहा है कि यदि आप ने सच कहा या सच जानने की कोशिश की तो आपको दंगे भड़काकर देशद्रोह के षड़यंत्र का आरोपी बनाया जा सकता है । ऐसे माहौल से डरकर विरोध कमजोर हो जाये यह साजिश है । परसों केरल के पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को टोल पर रोका गया , उनसे कहा गया अधिकारियों का निर्देश है आप वहां न जाएं और उनका 107, 116 और 151 दंड प्रक्रिया में चालान कर दिया गया । लेकिन इस घटना को अनेक पत्रकारों , टीवी चैनलों, पोर्टलों ने ऐसे प्रचारित किया मानों आतंकवादी पकड़े गए हैं । यहां तक कहा गया कि उन्हें खुफिया एजेंसियां लखनऊ ले गयी हैं , उनके संबंध आतंकवादी संगठन से पाए गए हैं आदि आदि । इन सनसनीखेज रिपोर्टिंगस का सच क्या है यह जानने के लिए जरूरी है कि हम उस चलानी रिपोर्ट को देखें जिसमें शांतिभंग की आशंका मात्र के मामूली प्रावधानों में उनका चालान किया गया है ! रिपोर्ट दिलचस्प भी है और यह भी बताती है कि किस तरह सरकार सच तक पहुंचने से लोगों को रोक रही है !