5 - 6 वर्ष पहिले मुझे पहले पहल डायबिटीज प्रकट हुई तो मुझे थोड़ी चिंता हो गई l मैंने अपने एक मित्र जिन्हें पहले से डायबिटीज थी उन्हें बताया कि यार गुरु हमें भी तुम्हारा रोग हो गया l उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है l डॉक्टर की सलाह से समय पर दवाई लो और परहेज करो l इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी को बताना मत कि तुम्हे डायबिटीज है l उनकी यह हिदायत मुझे बड़ी रहस्यमयी लगी मैंने उनके सामने जिज्ञासा प्रकट की कि ये कोई गुप्त रोग तो है नहीं फिर दूसरों को बताने में क्या हर्ज है ? तब उन्होंने मुझे इत्मीनान से समझाया कि हर्ज तो कुछ नहीं है लेकिन तुम जिस - जिस को बताओगे वह अपनी ओर से शुगर की एक ना एक अचूक दवा ज़रूर बता देगा और जोर देगा कि डॉक्टरी दवाई बन्द कर दो l
कोरोना काल मे तो फेसबुक व्हाट्सएप पर कोरोना की रोजाना नई नई दवा और नुस्खे पढ़े l कोई कह रहा था कि गौमूत्र से कोरोना छू मंतर हो जाएगा तो कोई गिलोय से कोरोना गायब करने की बात कर रहा था l सरकार काढ़ा बांटकर कह रही थी कि इससे इम्युनिटी बढ़ जाएगी l च्वयनप्राश सहित बहुत सी आर्युवेदिक दवाइयों के बारे में यह दावा किया जाने लगा कि यह इम्युनिटी बढाने के लिए बनी है l इस भीड़ में रामदेव भी अपनी दुकान सजाकर बैठ गए l इस दौरान कोरोना की जितनी दवाइयां सामने आई अगर उन सबको एकत्रित किया जाए तो WHO आत्महत्या कर लेगा l
हमारे यहां ज्ञानी महापुरुषों की कमी नही है l फालतू बैठे बैठे उनके दिमाग में सनक की तरह कई विचार आते रहते हैं l कभी उन्हे लगता है कि नाले की गैस से चाय बन सकती है तो कभी लगता है कि हवा की आद्रता से पानी बन सकता है आक्सीजन बन सकती है l अब यह आइडिया भी आया है कि पालक से आयरन निकाल कर सरिया बना लो तो देश आत्मनिर्भर हो जाएगा l
मतलब एक आइडिया से कई आइडिया जन्म लेते हैं l
gopal rathi