अगर कोई बड़ा देश छोटे देश को दबाता है- तो मैं छोटे देश के साथ खड़ा रहूँगा।
अगर उस छोटे देश का बहुसंख्यक धर्म- वहाँ के अल्पसंख्यक धर्म को दबाता है तो मैं अल्पसंख्यक धर्म के साथ खड़ा होना पसंद करूँगा।
अगर उस अल्पसंख्यक धर्म की जातियाँ किसी जाति को दबाती हैं तो मैं उस जाति के साथ खड़ा रहूँगा।
अगर उस जाति में कोई मालिक अपने कामगार का उत्पीड़न करता है तो मैं उस कामगार के साथ खड़ा रहूँगा।
अगर वो कामगार घर जाकर अपनी पत्नी को पीटता है तो मैं उस औरत के साथ खड़ा रहूँगा।
मेरे मुख्य दुश्मन उत्पीड़न और अत्याचार हैं।।
🔹 पेरियार
(अनुवाद की कोशिश : किताबगंज)
(आर्ट : अज्ञात)