बड़े शहरों में करोड़ों अरबो के इन्वेस्टमेंट करके बनाये गए यह  निजी अस्पताल सर्वसुविधायुक्त हैं l लेकिन कोरोना महामारी में उनकी कोई भूमिका नहीं है

हम जैसे व्यक्ति और समूह शुरू से ही शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण के विरोधी रहे हैं l लेकिन हुक्मरानों ने कभी इसकी परवाह नहीं की l फलवरूप आज शिक्षा और स्वास्थ्य अच्छा खासा व्यापार बन गया है l मोटा मुनाफा कमाने का धंधा बन गया है l गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य इतना महंगा हो गया है कि आम साधारण व्यक्ति अपना सब कुछ लुटाकर ही इसका लाभ ले पाता है l
नागपुर ,भोपाल इंदौर जैसे बड़े शहरों में करोड़ों अरबो के इन्वेस्टमेंट करके बनाये गए यह  निजी अस्पताल सर्वसुविधायुक्त हैं l लेकिन कोरोना महामारी में उनकी कोई भूमिका नहीं है l स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण के चलते सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की हालत लगातार बदतर होती गई l लेकिन आज वही सार्वजनिक सेवा देश के काम आ रही है l


 सार्वजनिक  स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने और इसे व्यापार बनाने से रोकने की आवश्यकता है l अतः बड़े बड़े निजी अस्पतालों का तत्काल राष्ट्रीयकरण होना चाहिए l 


स्वास्थ्य सेवाओं का उद्देश्य बीमारी से मुनाफा कमाना नहीं बल्कि  राष्ट्र के हर व्यक्ति को निरोगी बनाना होना चाहिए l


Gopal rathi