भोपाल। सैद्वांतिक प्रतिबद्वता को तिलांजलि देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने न केवल जनादेश का अपमान किया है, बल्कि अपनी पिता माधवराव सिंधिया की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के साथ भी उनकी 75वीं जयंती के अवसर पर विश्वासघात किया है। अब वे इसके लिए जो भी बहाने बनाये, मगर साफ है कि उन्होने यह सब सत्ता की लोलुपता के लिए किया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उनके इस कृत्य की आलोचना करते हुए भाजपा की सत्ता की भूख की भी निंदा करती है। व्यापमं से लेकर हनीट्रैप सीडी और ई टेंडरिंग तक घोटालों में फंसा भाजपा नेतृत्व अपने अपराधों को छिपाने के लगातार जनादेश को पलटने की फिराक में था। ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के इस कृत्य में मोहरा साबित हुए है।
कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में हुआ तख्ता पलट साबित करता है कि भाजपा को जनादेश की कोई चिंता नहीं है वे सिर्फ कालेधन की बदौलत सत्ता हथियाना चाहती है। पिछले छ: साल में भाजपा ने कई बार लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं को कलंकित किया है। मध्यप्रदेश भाजपा की इन हरकतों का नया उदाहरण है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी भाजपा और उसकी साजिशों के मोहरा बने सिंधिया की निंदा करते हुए प्रदेश की जनता को जनतांत्रिक अधिकारों के लिए लडऩे का आव्हान करते हुए और जनादेश का अपमान करने वालों को करारी शिकस्त देने का आव्हान करती है।
जसविंदर सिंह
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