मैं सभी सभी गरीब ,शोषित पीड़ित , वंचित इंसानों के साथ हूँ और उनमें से एक हूँ -गोपाल राठी


मैं किसान नहीं हूँ
लेकिन किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने का समर्थक हूँ l किसानों की आत्महत्या से दुखी होता हूँ l और अन्नदाता किसानों के आंदोलन में शामिल होना पुण्यकार्य मानता हूँ l


मैं मजदूर नहीं हूँ
लेकिन मज़दूरों के शोषण के खिलाफ आंदोलन में शरीक होता हूँ l मज़दूरों की छंटनी के खिलाफ आवाज़ उठाता हूँ l चाहता हूँ उन्हें उचित मजदूरी मिले ,सुरक्षा मिले ,उनके बच्चों को उत्तम शिक्षा मिले ,स्वास्थ्य सुविधा मिले ,रहने के लिए घर हो l



मैं दलित नहीं हूँ
लेकिन दलितों के प्रति सामाजिक भेदभाव मुझे विचलित करता है l
सामाजिक न्याय और समता की लड़ाई मुझे नई राह दिखाती है l


मैं आदिवासी नहीं हूँ
लेकिन आदिवासियों को इस देश का मूल निवासी मानता हूँ l जल जंगल और जमीन पर उनके अधिकार को प्राथमिकता देता हूँ l विभिन्न परियोजनाओं में उन्हें बेदखल करने का विरोधी हूँ l विस्थापित आदिवासियों के आंदोलन का एक छोटा सा सिपाही हूँ l


मैं सिख नहीं हूँ
लेकिन 1984 में सिखों के कत्लेआम पर फूट फूट कर रोया था l सिखों की कर्मठता ,वीरता और सेवाभावना मुझे हमेशा प्रेरित करती है l


मैं मुसलमान नहीं हूँ
लेकिन मैं भारत के हिन्दू मुसलमानों को भारत माता की दो आंख मानता हूँ l जो इन दो आँखों मे से एक आंख को भी चोट पहुँचाता है तो भारत माता की दोनो आंखों से आंसू बहने लगते है l ऐसा मुझे एहसास होता है l


मैं महिला नहीं हूँ
लेकिन स्त्री पुरुषों के बीच लिंग आधारित विषमता का प्रबल विरोधी हूँ l महिलाओं के प्रति हिंसा और बलात्कार व्यथित करते है l जीवन के हर क्षेत्र में महिला पुरुषों की बराबरी का हिमायती हूँ l


क्योंकि हम मानते है कि
इस जाति में या उस जाति में
इस धर्म में या उस मज़हब में
इस लिंग में या उस लिंग में
इस परिवार में या उस परिवार में
इस प्रदेश में या उस प्रदेश में
इस देश मे या उस देश में


हमारा आपका जन्म होना महज़ एक संयोग है कोई पुरुषार्थ नहीं l


इसलिए प्रेम से कहिये हम इंसान है


मैं सभी सभी गरीब ,शोषित पीड़ित , वंचित इंसानों के साथ हूँ और उनमें से एक हूँ l
★ गोपाल राठी ★