सबसे पहले तो एक "दंगाई" और सरकार के हिसाब से सबसे खतरनाक और असामाजिक व्यक्ति की ओर से इस शहर ,देश और दुनिया की सभी महिलाओं, बच्चियों को "अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस" की बधाई 😄
हाई कोर्ट का शुक्रिया,कि उसने इस मामले को संज्ञान में लिया, एक प्रतिबद्ध पत्रिका को स्टोरी करने के लिये कुछ फोटोज़ की ज़िद थी..तो मैंने कहा खाली फोटो किस बात की, हम क्रिएटिव लोग हैं..हमारा जवाब हमारी तस्वीर में जाना चाहिये 💐
जिस बदनामी (shame) और खौफ़ की साजिश रखते हुये ये पूरे शहर में ये होर्डिंग्स लगवाई गयी हैं उसका जवाब भी आज पोस्ट में दूँगा। फिलहाल मजाज़ का ये शेर पढिये..
"बहुत मुश्किल है दुनिया का संवरना
तेरी ज़ुल्फ़ों का पेंचों खम नही है
और..
मेरी बर्बादियों/ बदनामियों का हमनशीनों,
तुम्हें क्या ख़ुद मुझे भी गम नही है..
बाकी अगर कोर्ट की मेहरबानी से ये होर्डिंग्स हटवा न दीं तो इसी होर्डिंग के आगे हम सारे बदनाम लोग बैठे चाय पीते नज़र आयेंगे..
'किस धज से कोई मक़तल में गया वो शान सलामत रहती है'...
-फ़ैज़